आज के डिजिटल युग में अगर किसी के पास डिजिटल स्किल्स नहीं हैं, तो वह कई तरह के अवसरों से वंचित रह जाता है। इसी कमी को दूर करने के लिए गोवा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने “महिला डिजिटल सशक्तिकरण योजना” का शुभारंभ किया है, जिसका मकसद राज्य की महिलाओं को डिजिटल रूप से मजबूत और आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत न केवल शहरी, बल्कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों की महिलाएं भी स्मार्टफोन, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सरकारी सेवाओं का इस्तेमाल आसानी से सीख सकेंगी।
इस योजना का शुभारंभ PAC हॉल सचिवालय, पोरवोरिम में हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के साथ आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन मंत्री रोहन ए. कांउटे, इंफोटेक कॉर्पोरेशन ऑफ गोवा लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. चंद्रकांत शेट्ये, सचिव श्री संजीव आहुजा, निदेशक श्री कबीर शिरगांवकर और प्रबंध निदेशक श्री प्रवीण वोल्वोटकर मौजूद रहे। लॉन्च के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा — “महिला डिजिटल सशक्तिकरण योजना के जरिए हम गांव की महिलाओं को डिजिटल दुनिया में आत्मविश्वास और स्किल्स के साथ आगे बढ़ने का मौका दे रहे हैं।”
योजना का मकसद – हर महिला बने डिजिटल रूप से आत्मनिर्भर
इस योजना का सबसे बड़ा उद्देश्य है कि राज्य की महिलाएं डिजिटल दुनिया के साथ कदम से कदम मिला सकें। आज बैंकिंग, शिक्षा, स्वास्थ्य, सरकारी योजनाओं का लाभ और यहां तक कि छोटे-बड़े बिज़नेस भी ऑनलाइन हो गए हैं। ऐसे में अगर किसी महिला के पास डिजिटल ज्ञान नहीं है, तो वह इन सुविधाओं से वंचित रह जाती है। इस योजना से महिलाएं न केवल मोबाइल और इंटरनेट का इस्तेमाल करना सीखेंगी, बल्कि ऑनलाइन पेमेंट, सरकारी वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का सही उपयोग भी जान पाएंगी।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
महिला डिजिटल सशक्तिकरण योजना का लाभ केवल गोवा की उन महिलाओं को मिलेगा जो 18 साल या उससे अधिक उम्र की हैं और कम से कम 15 साल से राज्य में रह रही हैं। इस स्कीम के तहत महिलाओं को अपने ही इलाके में ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि उन्हें कहीं दूर जाने की जरूरत न पड़े।
ट्रेनिंग कहां और कैसे मिलेगी?
ट्रेनिंग का आयोजन ITKC, कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) और गांव स्तर के उद्यमियों (VLE) के जरिए किया जाएगा। ये ट्रेनिंग पंचायत हॉल, स्कूल, सामुदायिक केंद्र और अन्य पब्लिक प्लेस में आयोजित होगी, ताकि महिलाएं आसानी से वहां पहुंच सकें।
योजना की मुख्य विशेषताएं
- प्रति महिला ₹500 का बजट ट्रेनिंग और अवेयरनेस प्रोग्राम के लिए दिया जाएगा, जिसमें 80% CSC/ITKC को और 20% ITG को मिलेगा।
- अगर ट्रेनिंग सार्वजनिक स्थान जैसे पंचायत हॉल, स्कूल हॉल या धार्मिक स्थलों में होगी तो CSC/VLE को अतिरिक्त ₹100 इंफ्रास्ट्रक्चर लागत के रूप में मिलेगा।
- यह योजना तीन साल तक लागू रहेगी और इंफोटेक कॉर्पोरेशन ऑफ गोवा लिमिटेड द्वारा संचालित की जाएगी।
महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर
आईटी मंत्री रोहन ए. कांउटे ने कहा — “यह पहल विक्सित भारत 2047 के विज़न को मजबूत करती है। इससे महिलाएं डिजिटल स्किल्स हासिल कर ऑनलाइन बिज़नेस, फ्रीलांसिंग और ई-कॉमर्स जैसी गतिविधियों से आय कमा सकेंगी।”
यह योजना सिर्फ डिजिटल शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता के रास्ते पर भी आगे बढ़ाएगी। एक महिला अगर डिजिटल रूप से सक्षम बनती है, तो वह न केवल खुद का विकास करती है बल्कि अपने परिवार और समाज को भी आगे ले जाती है।
गोवा के डिजिटल भविष्य में महिलाओं की भूमिका
महिला डिजिटल सशक्तिकरण योजना गोवा सरकार के उस विज़न का हिस्सा है, जिसमें हर नागरिक डिजिटल दुनिया का सक्रिय हिस्सा बने। आज जब पूरी दुनिया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर चल रही है, ऐसे में महिलाओं को भी इन अवसरों से जोड़ना बेहद जरूरी है। यह योजना आने वाले समय में महिलाओं के लिए नए रोजगार के दरवाजे खोलेगी और उन्हें डिजिटल इकॉनमी में बराबरी का योगदान देने का मौका देगी।